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NT NEWS INDIA*

*०२/०४/२०२५ – बुधवार*
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*वक्फ संशोधन बिल मामला*
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® *_सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने वक्फ बिल का किया समर्थन, कहा- सांसद इमरान मसूद और ओवैसी को भेजूंगा मानहानि का नोटिस_*
अजमेर : अजमेर दरगाह के दीवान सैयद जैनुअल आबेद्दीन के उत्तराधिकारी और ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन के चेयरमैन सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने वक्फ संशोधन बिल 2024 की हिमायत करते हुए बिल को मुसलमानों के हित में माना. उन्होंने कहा कि बिल में संशोधन से वक्फ की संपत्तियां सुरक्षित रहेंगी. वहीं, वक्फ भ्रष्टाचार भी रुकेगा. चिश्ती ने कहा कि वक्फ का विरोध कर रहे लोगों का लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन उन्हें मुसलमानों के जज्बातों को भड़काना नहीं चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि वे जल्द ही कांग्रेस के सांसद इमरान मसूद और ओवैसी के खिलाफ मानहानि का नोटिस भेजेंगे.
दरगाह दीवान के उत्तराधिकारी और ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन के चेयरमैन सय्यद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि वक्फ में संशोधन हो, इसको लेकर काफी लोगों को इंतजार था. वक्फ संशोधन बिल 2024 बेहतर बिल होगा और मुसलमान और वक्फ की संपत्तियों के हित में होगा. इसके अलावा इसमें पारदर्शिता भी आएगी. वहीं, वक्फ की संपत्तियों को सुरक्षित रखने के लिए बिल होगा. वक्फ की आड़ में हो रहे भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा. चिश्ती ने कहा कि उम्मीद है कि पार्लियामेंट में बिल को लेकर अच्छी बहस होगी. पक्ष और विपक्ष लोकतंत्र का हिस्सा हैं, जो भी विरोध कर रहे हैं वह लोकतांत्रिक तरीके से करें. यह उनका अधिकार है, लेकिन बिल के नाम पर लोगों को गुमराह किया जा रहा है कि दरगाहे, मज्जिदें और इमामबाड़े छीन जाएंगे, यह सरासर गलत है. विरोध कर रहे कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि वक्फ में सरकार दखल और बढ़ जाएगा.
उन्होंने कहा कि सन 1994 में जब एक्ट बना और समय-समय पर इसमें संशोधन भी हुआ. वक्फ में सरकार का दखल रहेगा. सरकार ही राजनीतिक नियुक्तियां भी करती है. वक्फ का अध्यक्ष भी सरकार की ओर से बनाया जाता है. सीईओ भी सरकार का मुलाजिम होता है. यह सभी प्रशासनिक व्यवस्था है. इसमें वक्फ में कोई दखल नहीं है. वक्फ शरीयत का मसला है. वक्फ की संपत्तियों का किस तरह से प्रबंधन हो और उसके इंतजाम कैसे हो इसके लिए पूरा एक सिस्टम है. इसके तहत ही वक्फ बोर्ड आया. यह वक्फ की मैनेजमेंट बॉडी है, जिसमें संशोधन हो रहा है.
सांसद ओवैसी और इमरान मसूद को भेजूंगा नोटिस : सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि सांसद ओवैसी और इमरान मसूद उनपर अर्नगल आरोप लगा रहे और अमर्यादित भाषा बोल रहे. ‘मुझे सरकारी मुलाजिम कहा जा रहा है. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि सरकार मुझे 2 करोड़ रुपए वेतन दे रही है. मैं उनको चुनौती देता हूं कि वह इस बात को साबित करें’. उन्होंने कहा कि सांसद ओवैसी और इमरान मसूद को मानहानि का नोटिस भेजूंगा. दोनों ही कौम को गुमराह कर रहे. वह उनके बारे में ही लोगों को गुमराह कर रहे हैं तो वक्फ संशोधन बिल 2024 को लेकर भी लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
® *_वक्फ बिल: क्या मस्जिदों,दरगाहों और मुस्लिम संपत्तियों को जब्त कर लेगी सरकार? केंद्रीय मंत्री ने किया स्पष्ट_*
नई दिल्ली: अल्पसंख्यक मामलों और संसदीय मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को कहा कि वक्फ विधेयक के तहत कोई जमीन नहीं ली जाएगी. उन्होंने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति (JPC) द्वारा प्रस्तुत वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पर लोकसभा में विचार किया जाना चाहिए. रिजिजू ने कहा कि जेपीसी में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा भारतीय संसद के इतिहास में अभूतपूर्व रही है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि समिति ने 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विभिन्न समुदायों और वक्फ बोर्डों का प्रतिनिधित्व करने वाले 284 प्रतिनिधिमंडलों की बात सुनी।.उन्होंने कहा, “वक्फ विधेयक के तहत कोई जमीन नहीं ली जाएगी.” मंत्री स्पष्ट किया कि विधेयक मुसलमानों के अधिकारों को प्रभावित नहीं करेगा और ‘ये सिर्फ निराधार अफवाहें हैं.’
लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “दिल्ली में 1970 से चल रहा एक मामला सीजीओ कॉम्प्लेक्स और संसद भवन समेत कई संपत्तियों से जुड़ा हुआ है. दिल्ली वक्फ बोर्ड ने इन संपत्तियों को वक्फ संपत्ति होने का दावा किया था. मामला अदालत में था, लेकिन उस समय यूपीए सरकार ने 123 संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करके वक्फ बोर्ड को सौंप दिया था. अगर हमने आज यह संशोधन पेश नहीं किया होता, तो जिस संसद भवन में हम बैठे हैं, उस पर भी वक्फ संपत्ति होने का दावा किया जा सकता था. अगर पीएम मोदी सरकार सत्ता में नहीं आती, तो कई संपत्तियां गैर-अधिसूचित हो जातीं…
क्या मस्जिदों-दरगाहों को जब्त कर लेगी सरकार
लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “…2013 के बाद हमने वक्फ प्रावधानों में वक्फ यूजर्स के लिए कुछ बदलाव किए और कुछ लोगों ने चिंता जताई. उनका कहना है कि वक्फ यूजर्स प्रोविजन को हटाने के बाद सरकार मस्जिदों, दरगाहों और मुस्लिम संपत्तियों को जब्त कर लेगी. मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम सभी अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हो सकते हैं, लेकिन हम सभी भारतीय हैं. वक्फ यूजर्स प्रोविजन को हटाने के बाद भी हमने इन संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की है…”
धार्मिक प्रथा में हस्तक्षेप नहीं बिल
किरेन रिजिजू ने दावा किया, ‘वक्फ बिल किसी भी तरह से किसी भी धार्मिक व्यवस्था, किसी भी धार्मिक संस्था या किसी भी धार्मिक प्रथा में हस्तक्षेप नहीं करता है. ‘वक्फ बोर्ड के प्रावधानों का किसी मस्जिद, मंदिर या धार्मिक स्थल के प्रबंधन से कोई लेना-देना नहीं है. यह केवल संपत्ति प्रबंधन का मामला है. हालांकि, वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन वक्फ बोर्ड और मुतवल्ली करते हैं. अगर कोई इस बुनियादी अंतर को जानबूझकर नहीं समझना चाहता है, तो मेरे पास इसका कोई समाधान नहीं है।
® *_वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम क्यों? अमित शाह ने संसद में दिया जवाब, कांग्रेस पर साधा निशाना_*
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया कि वक्फ बोर्ड के गैर-मुस्लिम सदस्यों की धार्मिक मामलों के प्रबंधन में कोई भूमिका नहीं होगी. उन्होंने विधेयक के बारे में गलतफहमी फैलाने के लिए विपक्षी नेताओं की कड़ी आलोचना की. शाह ने इस बात पर भी जोर दिया कि यह कानून किसी भी समुदाय की धार्मिक प्रथाओं में हस्तक्षेप नहीं करता है.
अमित शाह ने उन दावों का खंडन किया कि बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करना का उद्देश्य वक्फ मामलों में हस्तक्षेप करना है. उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे आरोप निराधार और भ्रामक हैं. उन्होंने दोहराया कि विधेयक का उद्देश्य पारदर्शिता सुनिश्चित करना और वक्फ संपत्तियों के कुप्रबंधन को रोकना है.
‘गैर-मुस्लिम को शामिल करने का कोई प्रावधान नहीं’
गृह मंत्री ने कहा, “गैर-मुस्लिमों को शामिल करने के बारे में सभी तर्क वक्फ में हस्तक्षेप को लेकर हैं. सबसे पहले कोई भी गैर-मुस्लिम वक्फ में नहीं आएगा. इसे अच्छी तरह से समझ लें…धार्मिक संस्थाओं का प्रबंधन करने वालों में किसी गैर-मुस्लिम को शामिल करने का कोई प्रावधान नहीं है. हम ऐसा नहीं करना चाहते.यह गलत धारणा अल्पसंख्यकों में अपने वोट बैंक के लिए डर पैदा करने के लिए फैलाई जा रही है.”
उन्होंने कहा कि उनका (गैर-मुस्लिम सदस्यों) काम धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करना नहीं है. उनका काम यह देखना है कि वक्फ कानून और दान के लिए दिए गए धन का प्रशासन सुचारू रूप से चल रहा है या नहीं. (गैर-मुस्लिम) सदस्य यह देखेंगे कि प्रशासन कानून के अनुसार चल रहा है या नहीं, और दान का उपयोग उसके उद्देश्य (इस्लाम धर्म के लिए, गरीबों के विकास आदि) के लिए किया जा रहा है या नहीं.
संपत्ति को लीज पर देने वालों को पकड़ेंगे
अमित शाह ने कहा, “मैं इस सदन के माध्यम से देश के मुसलमानों से कहना चाहता हूं कि आपके वक्फ में एक भी गैर-मुस्लिम नहीं आएगा. इस एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन वक्फ बोर्ड और वक्फ काउंसिल क्या करेगी? वक्फ की संपत्ति बेचने वालों को पकड़कर बाहर निकालेगी, वक्फ के नाम पर 100 साल के लिए अपनी संपत्ति को लीज पर देने वालों को पकड़ेगी. वक्फ की इनकम घट रही है, जिस आय से हमें अल्पसंख्यकों का विकास करना है और उन्हें आगे बढ़ाना है, वह पैसा चोरी हो रहा है. वक्फ बोर्ड और काउंसिल उसे पकड़ेगी.
‘कांग्रेस ने किया पाप’
2013 में कांग्रेस ने यह पाप किया कि जिनकी जमीन छीनी गई, उनकी शिकायतों को कोर्ट के अधिकार क्षेत्र से बाहर रखा. सरकार या किसी संगठन का कोई फैसला कोर्ट के अधिकार क्षेत्र से बाहर कैसे हो सकता है? जिसकी जमीन छीनी गई है, वह कहां जाएगा? कांग्रेस ने वोट बैंक की राजनीति के लिए ऐसा किया, और हम इसे खारिज कर रहे हैं। कोई भी शिकायत वाला व्यक्ति कोर्ट जा सकता है।
® *__किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक किया पेश_*
बहुप्रतिक्षित वक्फ संशोधन विधेयक 2025 आज लोकसभा में पेश हो गया है. केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे पेश किया. जहां एक ओर एनडीए के सभी घटक दल इसके पक्ष में है. वहीं दूसरी तरफ विपक्ष के सदस्य इसके खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने में लगे हैं.बात करें बिहार की राजनीतिक दलों की तो बीजेपी, जेडीयू, एलजेपीआर, हम, आरएलएम इसके समर्थन में है. वहीं दूसरी तरफ आरजेडी, कांग्रेस के सदस्य इसका विरोध कर रहे हैं. फिलहाल संसद में विपक्षी सदस्यों का इसको लेकर हंगामा जारी है.बता दें कि इस संसोधन विधेयक पर लोकसभा में 8 घंटे चर्चा होगी. कहा जा रहा है कि इसके बाद कल यानी 3 अप्रैल को इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
® *__दिल्ली: वक्फ संशोधन बिल पर लोकसभा में हंगामा_*
*किरन रिजिजू का बयान…”*
संसद भवन पर भी वक्फ ने दावा किया था।
> यदि यह बिल नहीं लाया जाता, तो संसद भवन भी वक्फ संपत्ति हो सकती थी।
रिजीजू के मुताबिक, वक्फ संपत्ति के प्रबंधन का यह विषय है, जो धार्मिक व्यवस्था में हस्तक्षेप नहीं करता
विपक्ष का हंगामा…”
रिजीजू के भाषण के दौरान भारी शोर-शराबा हुआ।
विपक्ष ने वक्फ संशोधन बिल का जोरदार विरोध किया, जिसके कारण लोकसभा में हंगामा मच गया।
वक्फ बिल का विरोध…”
विपक्ष का कहना है कि यह बिल मुस्लिम समुदाय की संपत्ति और अधिकारों को प्रभावित कर सकता है, जबकि सरकार ने इसे वक्फ संपत्ति के बेहतर प्रबंधन का उपाय बताया है।
धार्मिक व्यवस्था में हस्तक्षेप नहीं…”
किरन रिजीजू का कहना है कि वक्फ बिल धार्मिक व्यवस्था में कोई हस्तक्षेप नहीं करता और यह किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है…
उन्होंने यह भी कहा कि एक कानून संविधान से ऊपर नहीं हो सकता।
वक्फ बोर्ड में सदस्यत…”
वक्फ बोर्ड में शिया और सुन्नी दोनों रहेंगे।
बोर्ड में 3 सांसद होंगे।
2 महिला सदस्य होना अनिवार्य है।
बोर्ड में 10 मुस्लिम सदस्य होंगे, जिनमें 2 महिला सदस्य भी शामिल होंगे।
बोर्ड में 2 प्रोफेशनल्स और 4 गैर मुस्लिम सदस्य भी होंगे।
2 रिटायर्ड जज भी वक्फ बोर्ड में होंगे।
रिजीजू ने यह भी कहा कि वक्फ बोर्ड में पिछड़े मुसलमानों का भी प्रतिनिधित्व होगा।
भारत में सबसे ज्यादा वक्फ संपत्ति है, ऐसा भी रिजीजू ने कहा।
® *__कल वक्फ बिल पर आर-पार, 8 घंटे की अग्निपरीक्षा का गेम प्लान तैयार_*
नई दिल्ली।लोकसभा में बुधवार को पक्ष और विपक्ष में जोरदार घमासान दिखाई देगा।मोदी सरकार चर्चा और पास कराने के लिए वक्फ संशोधन विधेयक सदन में ला रही है। इसके लिए दोपहर 12 बजे से रात 8 बजे तक का समय तय किया गया है।दोनों ही पक्ष इसको लेकर अभी से रणनीति बनाने में जुट गए हैं।भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस सहित कई पार्टियों ने लोकसभा के अपने सांसदों को व्हिप भी जारी किया है और सदन में मौजूद रहने को कहा है।विपक्षी दलों ने इसको लेकर एक बड़ी बैठक की है,जिसमें ये रणनीति बनाई गई है कि वक्फ बिल को लेकर सरकार का किस तरह मुकाबला किया जाए।
*चर्चा के दौरान लोकसभा में जबरदस्त हंगामा होने का आसार*
चर्चा के दौरान लोकसभा में जबरदस्त हंगामा होने का आसार हैं,क्योंकि विपक्षी दल इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं और इसे असंवैधानिक एवं मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ बता रहे हैं।वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर विपक्षी दल शुरू से ही असहमति जता रहे हैं,उनका कहना है कि यह विधेयक अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों पर प्रभाव डाल सकता है। वहीं मोदी सरकार का दावा है कि यह संशोधन वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने और दुरुपयोग रोकने के लिए जरूरी है।
*भाजपा ने अपने सांसदों के लिए व्हिप किया जारी*
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा में मुख्य सचेतक संजय जायसवाल ने व्हिप जारी कर बुधवार 2 अप्रैल को सभी लोकसभा सांसदों को सदन में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने का निर्देश गया है। भाजपा का कहना है कि लोकसभा में बुधवार को कुछ महत्वपूर्ण विधायी कार्यों को पारित किया जाना है,जिसके लिए पार्टी के सभी सांसदों की उपस्थिति अनिवार्य है। भाजपा ने अपने सांसदों को निर्देश दिया है कि वे सदन में उपस्थित रहकर सरकार के पक्ष का समर्थन करें और विधायी प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न करने में सहयोग दें।
*कांग्रेस ने अपने लोकसभा सदस्यों को व्हिप किया जारी*
कांग्रेस ने भी अपने सभी लोकसभा सांसद को व्हिप जारी कर अगले तीन दिनों तक सदन में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।कांग्रेस ने तीन पंक्ति का व्हिप तब जारी किया,जब मोदी सरकार ने स्पष्ट किया कि विवादास्पद वक्फ (संशोधन) विधेयक बुधवार को चर्चा और पारित कराने के लिए लोकसभा में लाया जाएगा।
*लोकसभा में बिल का विरोध करेगी कांग्रेस*
बिल को लेकर कांग्रेस का कहना है कि पार्टी का जो रुख पहले था वही आज भी है।सदन में इस बिल का विरोध किया जाएगा, क्योंकि इस बिल के माध्यम से एनडीए सरकार की बांटने की कोशिश है।कांग्रेस के सदस्यों ने जेपीसी में जो विचार व्यक्त किए हैं, वही विचार आज भी है,इस बिल को लाकर सिर्फ बांटने का प्रयास किया जा रहा है,भाजपा की सरकार हमेशा ही ऐसा करती है,इसका एक स्टेप वक्फ संशोधन बिल है।कांग्रेस हमेशा से अल्पसंख्यकों के साथ रही है।
*वक्फ बिल का उद्देश्य लोगों को न्याय दिलाना*
सत्ता पक्ष के सांसदों का कहना है कि वक्फ संशोधन विधेयक गरीब मुसलमानों के फायदे के लिए है।उन्होंने विपक्ष पर वक्फ संशोधन विधेयक के बारे में देश को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि देश के गरीब मुसलमान यह समझ चुके हैं कि यह विधेयक उनके हित में है।उन्होंने कहा कि वक्फ की बड़ी-बड़ी प्रॉपर्टी पर बड़े मुसलमानों का कब्जा होता है,आम हिंदुओं की जमीन पर भी कब्जा कर ली जाती है,अगर सरकार द्वारा संसद में कोई बिल पेश किया जा रहा है तो इसका उद्देश्य लोगों को न्याय दिलाना है।न्यायालय,उच्च न्यायालय और सिविल न्यायालय सभी उनके लिए सुलभ होंगे।सभी को नैसर्गिक न्याय मिलेगा,इस पर किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
*टीडीपी ने वक्फ संशोधन विधेयक का किया समर्थन*
इसी बीच एनडीए में शामिल तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने भी मोदी सरकार को वक्फ संशोधन विधेयक पर समर्थन दिया है। टीडीपी ने घोषणा की है कि वह इस बिल के पक्ष में मतदान करेगी,इससे सरकार को विधेयक पारित कराने में और मजबूती मिलेगी।
*सीएम नीतीश कुमार ने वक्फ बिल को लेकर अपनी पार्टी के नेताओं से की बात*
सीएम नीतीश कुमार ने वक्फ बिल को लेकर अपनी पार्टी जेडीयू के नेताओं से बात की है।जेडीयू एनडीए में शामिल है। पार्टी नेताओं ने कहा है कि हमने इस विधेयक को लेकर सरकार को अहम सुझाव दिए हैं,हमारे सुझावों को तरजीह भी दी गई है।सूत्रों के अनुसार जेडीयू ने सरकार से कहा है कि नए कानून को पिछली तारीख से लागू नहीं करना चाहिए,यानी मौजूदा पुरानी मस्जिद,दरगाह या अन्य मुस्लिम धार्मिक स्थान के साथ कोई छेड़छाड़ न हो,वक्फ कानून में इसका स्पष्ट प्रावधान होना चाहिए।जेडीयू ने यह भी कहा था कि जमीन राज्यों का विषय है,लिहाजा वक्फ की जमीन के बारे में किसी भी फैसले में राज्यों की स्पष्ट राय भी ली जानी चाहिए।सूत्रों के अनुसार जेपीसी द्वारा सुझाए गए 14 महत्वपूर्ण संशोधनों में इन्हें भी शामिल किया गया है।
*वक्फ बिल को लेकर जेडीयू के सुझाव*
वक्फ संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद इसमें राज्य सरकार का अधिकार क्षेत्र बना रहेगा।
संपत्ति वक्फ की है या नहीं यह तय करने के लिए राज्य सरकार कलेक्टर से ऊपर के रैंक के अधिकारी को नियुक्त कर सकती है।
मौजूदा मस्जिदों,दरगाहों या अन्य मुस्लिम धार्मिक स्थानों पर कोई छेड़छाड़ नहीं होगी।
यह कानून पुरानी तारीख से लागू नहीं होगा।
वक्फ की सूची को गजट में प्रकाशन के 90 दिनों के भीतर ऑनलाइन पोर्टल पर अपडेट करना अनिवार्य होगा।
विधेयक के अनुसार वक्फ परिषद में पदेन सदस्यों के अलावा दो गैर-मुस्लिम सदस्य शामिल होंगे।साथ ही वक्फ बोर्ड में वक्फ मामलों से संबंधित संयुक्त सचिव पदेन सदस्य होंगे।
*लोकसभा में बिल को स्पष्ट बहुमत*
लोकसभा में फिलहाल 542 सांसद हैं।इसमें भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। भाजपा के पास 240 सदस्य हैं।भाजपा को एनडीए में शामिल दलों का समर्थन हासिल है,इस समय एनडीए में शामिल दलों की लोकसभा में संख्या 293 है,इनमें टीडीपी और जेडीयू जैसे दल हैं,जिनके सदस्यों की संख्या दहाई के अंक में हैं,ऐसे में बिल पास कराने को लेकर संख्या सत्ता पक्ष के साथ है।
*बिल के विरोध में विपक्ष के 245 सांसद*
लोकसभा के 245 सांसद इस बिल के विरोध में हैं,इनमें कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है।लोकसभा में कांग्रेस के 99 सांसद हैं।कांग्रेस के अलावा केवल सपा और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों की ही संख्या दहाई में है।लोकसभा में सपा के 37 तो तृणमूल कांग्रेस के 28 सांसद हैं।विपक्षी गठबंधन में उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी भी शामिल है।उद्धव ठाकरे की शिवसेना के नौ और शरद पवार की एनसीपी के आठ सांसद हैं।
इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई।विपक्ष ने विधेयक पर चर्चा के लिए 12 घंटे का समय आवंटित करने की मांग की,जबकि मोदी सरकार ने 8 घंटे का कम समय रखने पर जोर दिया।इसके बाद मोदी सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक हुई और विपक्षी दलों के नेता बैठक छोड़कर बाहर आ गए।
बाद में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि कुछ दल चार से छह घंटे की चर्चा चाहते थे।वहीं विपक्ष 12 घंटे की चर्चा कराने पर अड़ा रहा।हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ने चर्चा के लिए आठ घंटे निर्धारित किए हैं और सदन की भावना के अनुरूप इस अवधि को बढ़ाया जा सकता है।रिजिजू ने इस बात पर हैरानी जतायी कि विपक्ष ने बीएसी की बैठक से वॉकआउट क्यों किया।
रिजिजू ने कहा कि वह बुधवार को 12 बजे निचले सदन में प्रश्नकाल समाप्त होते ही विधेयक को चर्चा और पारित कराने के लिए रखेंगे।विपक्ष के कुछ दल चर्चा से बचने के लिए बहाने बना रहे हैं।लोकसभा द्वारा विधेयक पारित किए जाने के बाद राज्यसभा को इसकी सूचना दी जाएगी।वहीं लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने कहा कि विपक्ष बीएसी की बैठक से बाहर आ गया,क्योंकि सरकार अपना एजेंडा थोप रही है और मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड को जोड़ने के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग स्वीकार नहीं की गई।गौरव ने आरोप लगाया कि विपक्ष को मौका नहीं दिया जा रहा।पिछले साल विधेयक पेश करते समय सरकार ने इसे दोनों सदनों की एक संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव किया था,समिति द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने के बाद उसकी सिफारिश के आधार पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मूल विधेयक में कुछ बदलावों को मंजूरी दी थी।विधेयक में भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन में सुधार का प्रावधान प्रस्तावित है।
® *__लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश, किरेन रिजिजू ने वक्फ बिल किया पेश_*
*वक्फ बिल पर लोकसभा में भारी हंगामा लोकसभा में वक्फ संशोधन पर हो रही है बहस*
® *__लखनऊ। वक्फ में दर्ज सरकारी संपत्तियों का विवरण ना भेजने वाले अफसरों पर कार्यवाही की तैयारी_*
रिमाइंडर के बावजूद कई जिलों ने नहीं भेजा संपत्तियों का विवरण
प्रदेश में हुई जांच के दौरान 57792 सरकारी संपत्तियों का पता चला था
11712 एकड़ सरकारी जमीन अवैध ढंग से वक्फ में हुई है दर्ज
शाहजहांपुर, रामपुर, अयोध्या, जौनपुर, बरेली जिलों में सबसे अधिक सरकारी संपत्तियां वक्फ में हुई दर्ज
अवैध रूप से सरकारी संपत्तियों को वक्फ में दर्ज करने वाले अधिकारियों कर्मचारियों की मांगी गई है रिपोर्ट।
® *__वक़्फ़ बोर्ड ने संसद भवन को भी अपनी संपत्ति बता दिया था_*
अगर 2014 में नरेंद्र मोदी जी की सरकार नहीं आती तो आज हम वक़्फ़ बोर्ड के संसद भवन में खड़े होते।
: किरेन रिजिजू, केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री।
® *__दुनिया में सबसे ज्यादा वक़्फ़ सम्पति भारत में है_*
इसके बावजूद भारत का मुसलमान अबतक गरीब क्यों हैं?
: किरेन रिजिजू, केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री
® *__कांग्रेस की कमिटियां बस ठप्पा लगाती थीं…वक्फ बिल पर बहस के दौरान बरस गए शाह_*
® *__अब किसी भी जमीन पर बोर्ड लगाकर_*
उसे वक्फ प्रॉपर्टी घोषित नहीं किया जा सकता।
® *__लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा_*
*”इस बिल को संयुक्त संसदीय समिति को दिया गया… हमारे पास कांग्रेस जैसी समिति नहीं है। हमारे पास लोकतांत्रिक समिति है, जो विचार-मंथन करती है। कांग्रेस के जमाने में समिति होती थी जो थप्पा लगाती थी। हमारी समिति चर्चा करती है, चर्चा के आधार पर विचार-विमर्श करती है और बदलाव करती है। अगर बदलाव स्वीकार नहीं करना है, तो समिति का क्या मतलब है?”*
® *__जिनको केवल अपनी रोटी सेकना है वही केवल इस बिल का विरोध कर रहे हैं।_*
® *__मौलाना शाहबुद्दीन रजवी का बयान वक्फ संशोधन बिल पर_*
१. वक्फ संशोधन बिल पर मौलाना शाहबुद्दीन रजवी का बयान। AIMPLB मुस्लिमों को डरा रहा, शाहबुद्दीन रजवी का आरोप।
*शाहबुद्दीन रजवी ने कहा, “बिल से मुस्लिमों को कोई खतरा नहीं।”*
® *__अब वक्फ़ की ज़मीन बेची जाएगी-अखिलेश यादव_*
® *__हाथों में तख्ती और जिंदाबाद के नारे, वक्फ बिल के साथ भोपाल की मुस्लिम महिलाएं_*
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मुस्लिम महिलाएं वक्फ बिल के समर्थन में सड़कों पर उतर आईं। हाथ में फूल और तख्ती लिए ये महिलाएं मोदी जिंदाबाद के नारे लगाती दिखीं।
® *__वक्फ में संशोधन से मुसलमानों को फायदा या नुकसान? सरकारी दावे से लेकर चिंताएं तक, जानिए सबकुछ_*
नई दिल्ली: 2 और 3 अप्रैल 2025 को वक्फ के नाम पर जो कुछ अच्छा-बुरा भारत की संसद में होगा, उसके बीज 8 अगस्त 2024 को पड़े थे. नरेंद्र मोदी के तीसरी बार सरकार बनाने के बाद बुलाए गए बजट सत्र में सरकार दो विधेयक लेकर आई. पहला – वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024. दूसरा – मुसलमान वक्फ (रद्द) विधेयक 2024. इन दोनों विधेयकों को लोकसभा में लाया गया. सरकार का कहना था कि इसके जरिये वक्फ की संपत्तियों को बेहतर ढंग से मैनेज किया जा सकेगा. साथ ही, वक्फ बोर्ड के कामकाज को और अधिक कारगर बनाया जाएगा.
इससे पहले की हम इन सवालों पर आएं कि नए वक्फ कानून को लेकर सरकारी दावे किस तरह के हैं, और विपक्ष या फिर मुस्लिम समुदाय के एक बड़े वर्ग की किस तरह की चिंताएं हैं. बहुत जल्दी से जान लें कि वक्फ क्या है, कहां से आया और इसकी कुल संपत्ति कितनी है.
*1.वक्फ का अर्थ क्या है:*
वक्फ ऐसी संपत्ति को कहते हैं जिसे धार्मिक और दान से जुड़े मकसदों के लिए आरक्षित कर दिया जाता है. इस्लामिक कानूनों में इस संपत्ति का दान या धर्म-कर्म से जड़े कामों के अलावा और कुछ करना मना है. संपत्ति को वक्फ कहने से मुराद ये है कि वो अब किसी व्यक्ति विशेष की नहीं रही. अब वो अल्लाह के नाम है. एक दफा संपत्ति को
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