संभल में हाल ही में जामा मस्जिद को लेकर विवादित स्थिति बनी है

आज लोकसभा में अखिलेश यादव ने संभल हिंसा पर सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने घटना के लिए भाजपा और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह दंगा संविधान और लोकतंत्र पर हमला है। यादव ने आरोप लगाया कि पुलिस ने सरकारी और निजी हथियारों से फायरिंग की, जिसमें कई लोगों की जान गई। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को बाधित करने की साजिश बताया और न्याय के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लियाजिसके तहत हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद एक मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। इस विवाद के चलते कोर्ट ने मस्जिद का सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था, जिससे हिंसा भड़क गई।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई, जिसमें मस्जिद के सर्वे पर रोक लगाने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल निचली अदालत को इस मामले में कोई भी कार्रवाई करने से रोक दिया है​संभल में हाल ही में हुई हिंसा के मद्देनज़र पुलिस और न्यायिक जांच टीम ने शाही जामा मस्जिद का दौरा किया। यह टीम हिंसा के कारणों की छानबीन करने और परिस्थितियों का जायजा लेने के लिए वहां पहुंची। पुलिस बल की भारी तैनाती के बीच टीम ने मस्जिद और आसपास के इलाकों का निरीक्षण किया। टीम का कहना है कि हालात पर पूरी नजर रखी जा रही है और हिंसा में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है

संभल के शाही जामा मस्जिद को लेकर 19 नवंबर 2024 को चंदौसी में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में एक याचिका दायर की गई थी। याचिका में यह दावा किया गया कि मस्जिद एक मंदिर को तोड़कर बनाई गई है, जो भगवान विष्णु के कल्कि अवतार को समर्पित हरिहर मंदिर था। हिंदू पक्ष ने कोर्ट से मस्जिद के सर्वेक्षण और उसके इतिहास की जांच की मांग की थीइस याचिका के बाद कोर्ट ने मस्जिद का सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया, जिससे विवाद बढ़ गया और हिंसा की घटनाएं सामने आईं। मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल सर्वे पर रोक लगा दी है और कहा है कि बिना उच्च न्यायालय की अनुमति के आगे कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी

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