मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव को दिया जांच कर कार्रवाई करने का आदेश

मिल्कीपुर
पहले भी अपनी कार्य प्रणाली से विवाद में चल रहे एस डी एम मिल्कीपुर राजीव रत्न सिंह की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। मिल्कीपुर तहसील में तैनाती के बाद इनके द्वारा अपने खास लोगों को धारा 67 का लाभ देकर अनुचित भूमि आवंटन की शिकायत पर मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा अपर मुख्य सचिव को जांच कर आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया गया है यह शिकायत किसान यूनियन के नेता रमेश तिवारी ने प्रधानमंत्री जनसुनवाई पर दर्ज कराई है। मिल्कीपुर तहसील के तुलापुर गांव निवासी भारतीय किसान यूनियन के नेता रमेश तिवारी द्वारा प्रधानमंत्री जनसुनवाई पर दी गई शिकायत में कहा गया है कि धारा 67 ए का लाभ देकर उप जिलाधिकारी मिल्कीपुर राजीव रत्न सिंह ने अपने मातहतों को भूमि का आवंटन कर दिया है जिसमें नियम और कानून की धज्जियां उड़ाई गई है शिकायत पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि मिल्कीपुर तहसील में लेखपाल और कानूनगो के ट्रांसफर के लिए एक संविदा कर्मी के इशारे पर एसडीएम मिल्कीपुर अनियमित ढंग से कार्य कर रहे हैं संविदा कर्मी अमित श्रीवास्तव को रखकर मोटी रकम लेकर करवाते हैं लेखपाल वा कानूनगो का ट्रांसफर। कुछ दिन पहले एक दलित का घर बिना किसी नोटिस के कर दिया था जमींदोज जबकि उस जमीन पर चल रहा है सिविल कोर्ट में वाद जिसके बाद सचिव राजस्व परिषद को जांच अधिकारी नामित किया गया है।बात करें घोटालों की तो एस डी एम मिल्कीपुर राजीव रत्न सिंह का घोटालों एवं विवादों से रहा है पुराना नाता, गत दिनों वार एसोसिएशन मिल्कीपुर के सदस्यों के कामकाज को बताया था नौटंकी जिसके बाद वकीलों ने किया था जमकर प्रदर्शन वाद में माफी मांगने पर मामला हुआ था शांत, वर्ष 2018 में आजमगढ़ में बतौर समाज कल्याण अधिकारी रहते हुए भी की थी मनमानी एवं लगा था 150 करोड़ के घोटाले का आरोप, आरोपों के बाद कर दिए गए थे निलंबित।अब देखना है कि राजस्व परिषद की जांच में क्या तथ्य सामने आता है एवं क्या कार्रवाई होती है। पूरा मामला पारा खानी में दलित महिला का आवास गिराए जाने के बाद तूल पकड़ता नजर आ रहा है।

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