35 वर्षीय शकील अहमद निवासी बिरमापुर थाना इटियाथोक गोण्डा 15 जनवरी को किसी के फोन आने पर घर से जाता है रात में वापस नहीं आने घर के लोग दूसरे दिन थाना इटियाथोक में सूचना दर्ज कराते हैं तीसरे दिन शकील की लाश घर से 8 किलोमीटर दूर एक झाड़ी में छत विक्षत अवस्था में मिलती है*
*मैं घटना के 12 दिन के बाद पीड़ित के घर पहुंचा तो जानकारी ली तो पता चला कि घटना के 12 दिन से अब तक कोई भी पुलिस कर्मी पीड़ित के घर पर नहीं आया है और पुलिस ने हत्या का मुकदमा भी नहीं दर्ज किया है पुलिस हार्ट अटैक से मौत बता रही है मैने वहीं से थाना अध्यक्ष इटियाथोक से बात की तो उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम में हार्ट अटैक आया है और उन्होंने घटना की प्राथमिक जांच भी नहीं की और आगे जांच की जरूरत भी नहीं समझी जबकि परिवार लगातार हत्या बता रहा था*
मैं पीड़ित की पत्नी खुशनुमा को लेकर 28 जनवरी को आईजी देवीपाटन क्षेत्र श्री अमित पाठक महोदय से मिलकर सारा घटना क्रम बताया कि अगर किसी को हार्ट अटैक आएगा तो वह सड़क पर गिर जाएगा 100 मीटर झाड़ी के अंदर को कैसे पहुंचेगा यह हत्या है
शकील अहमद की पत्नी के प्रार्थना पत्र पर आईजी महोदय ने पुलिस अधीक्षक गोंडा को इस घटना की जांच SOG से कराने का निर्देश दिया जो पुलिस अधीक्षक महोदय गोंडा की निगरानी में एसओजी ने पूरे प्रकरण की जांच की और हत्या का खुलासा किया और मुजरिमों को जेल भेजा अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि वह डॉक्टर ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में एक हत्या को हार्ट अटैक में कैसे तब्दील किया और स्थानीय इटियाथोक की पुलिस ने हत्या जैसे गंभीर मामले को इतने में हल्के में लेते हुए कोई भी कॉल रिकॉर्ड या आगे की कोई जांच क्यों नहीं की जो की बहुत खेद जनक निंदनीय है
आईजी महोदय देवीपाटन क्षेत्र पुलिस अधीक्षक गोंडा एसओजी प्रभारी गोंडा को घटना का खुलासा करने के लिए धन्यवाद