दोस्तों,
आज मैं आपके सामने एक सवाल रख रहा हूँ- देश को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रधानमंत्री की जरूरत क्यों है? यह सवाल मेरे लिए सिर्फ राजनीतिक नहीं है, यह मेरी वैचारिक आस्था, मेरे बहुजन समाज के स्वाभिमान और इस देश के हर दलित के भविष्य का है। मुझे लगता है ये डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर,मान्यवर कांशीराम साहब और बहन मायावती जी के विचारों पर आधारित है क्योंकि इन तीनों महान हस्तियों ने मुझे और हमारे पूरे बहुजन समाज को दिशा दी है।
1.#बाबासाहेबांचं_संविधान –#स्वप्न_आणि_सत्य*
बाबा साहेब का संविधान देखकर गर्व महसूस होता है उन्होंने हर भारतीय को दिया – चाहे वह दलित, ओबीसी, आदिवासी या अल्पसंख्यक – समानता, स्वतंत्रता और न्याय का अधिकार। लेकिन मित्रों आज मुझे लगता है – क्या सच में ये अधिकार हमारे बहुजन समाज तक पहुंचे हैं ?
_आज भी बहुजन किसान और मजदूरों को अपनी मेहनत का सही फल नहीं मिल पा रहा है, शोषण होता है। _
_OBC को आरक्षण तो मिलता है, लेकिन शिक्षा और नौकरी में उनका हिस्सा अभी भी बहुत कम है। _
_देश में लाखों बहुजन परिवार गरीबी में जीते हैं, जबकि मुट्ठी भर लोग दौलत पर एकाधिकार चिल्लाते हैं। _
बाबा साहेब ने कहा था . पढाओ एकजुट हो संघर्ष करो “लेकिन उन्होंने यह भी कहा, “अगर शक्ति नहीं है, तो अधिकार केवल कागज पर रहेंगे।” “””इसीलिए मुझे लगता है, देश को बसपा के प्रधानमंत्री की जरूरत है- जो संविधान को सिर्फ किताबों में नहीं, बल्कि इस देश के हर बहुजन के जीवन में डाले।
2. #कांशीराम_साहेबांचा_मंत्र – #सत्ता_हीच_गुरूकिल्ली*
कांशीराम जी ने मुझे एक बात सिखाई है-बहुजनों को सच्चा न्याय चाहिए तो सत्ता चाहिए। उनका नारा मुझे हमेशा प्रेरित करता है – ” जिसकी जितनी बड़ी संख्या, उसका उतना हिस्सा।” “लेकिन मुझे लगता है आज हमारे बहुजन समाज को ये हिस्सा मिला क्या?
_देश में 80% से अधिक आबादी बहुजनों – दलित, ओबीसी, आदिवासी, शोषित और अल्पसंख्यक की है। लेकिन संसद में हमारे कितने सांसद हैं? कैबिनेट में आप कितने चेहरे देखते हैं? _
_सरकारी नौकरशाही, उद्योग, शिक्षा में बहुजनों का प्रतिनिधित्व अभी भी महत्वपूर्ण है। _
कांशीराम साहब ने बहुजन समाज को एक किया स्वाभिमान सिखाया और बसपा के माध्यम से सत्ता का रास्ता दिखाया। मुझे लगता है अगर उनका सपना पूरा होना है तो देश को बसपा के प्रधानमंत्री की जरूरत है – जो बहुजनों की संख्या को सत्ता में बदल कर उन्हें उनका अधिकार दिलाए।
3. #मायावती_जींचा_मार्ग – #सत्तेची_ताकद_दाखवली
बहन मायावती जी मेरे लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। उत्तर प्रदेश में चार बार मुख्यमंत्री के रूप में काम किया, बहुजन नेतृत्व सत्ता में आने से क्या बदलाव हो सकता है। मैंने उनका काम देखा और विश्वास हो गया कि देश में पूरे बहुजन समाज को यही जरूरत है।
_गरीब बहुजन बच्चों के लिए स्कूल बनवाए, शिक्षा के दरवाजे खोले। _
_बहुजनों का जीवन बेहतर बनाने से गांव में सड़क, बिजली, पानी पहुंचाया। _
_आरक्षण सख्ती से लागू, दलितों, ओबीसी और नौकरियों में शोषण का हिस्सा बढ़ाने के लिए। _
_बाबासाहेब और कांशीराम साहब के विचारों को स्मारकों के माध्यम से जिंदा रखा, जिससे मुझ जैसे बहुजन युवाओं को प्रेरणा मिलती है। _
मायावती जी ने साबित कर दिया कि सत्ता में होने पर बहुजनों की आवाज कितनी बुलंद हो सकती है। लेकिन मेरा एक सवाल है – इसे केवल उत्तर प्रदेश तक ही क्यों सीमित किया जाए? पूरे देश में बहुजन समाज को ऐसा प्रधानमंत्री क्यों ना मिले?
4.#आजच्या_भारताची_गरज – #बहुजनांचा_आवाज
मित्रों आज देश की हकीकत देख रहा हूँ और मन बेचैन हो गया:
#गरीबी: लाखों बहुजन परिवार आज भी भूखे सोते हैं, तो कुछ लोगों के पास अरबों की दौलत है।
#आर्थिक_अन्याय: बहुजन किसान,मजदूर और छोटे कारोबारियों का शोषण होता है, मेहनत का फल नहीं मिलता।
#शिक्षा_रोज़गार: मेरे जैसे बहुजन युवाओं को अच्छी शिक्षा नहीं मिलती, और नौकरी सिर्फ पैसे और परिचित वालों को मिलती है।
#सत्ता_की_तानाशाही: सत्ता मुट्ठी भर लोगों के हाथ में है, और बहुजनों की आवाज दब जाती है।
अगर ये सब बदलना है तो मुझे लगता है देश को एक BSP के प्रधानमंत्री की जरूरत है – जो न सिर्फ दलितों, बल्कि पूरे बहुजन समाज – दलितों, ओबीसी, आदिवासी, शोषित और अल्पसंख्यको की आवाज बने – और उनके लिए लड़े।
5. #BSP_चा_पंतप्रधान_काय_करेल? – #बहुजनांचं_कल्याण
मेरी राय में अगर बीएसपी का प्रधानमंत्री आता है तो वह निम्न कार्य करेंगे:
#संविधान_की_रक्षा: हर बहुजन की जिंदगी लेकर आएगा बाबासाहेब का संविधान।
#Violence : संसद, नौकरी, शिक्षा और उद्योग में बहुजनों को मिलेगा उचित हिस्सा।
#न्याय: वित्तीय शोषण, भेदभाव और अन्याय को समाप्त करने के लिए सख्त कानून और प्रवर्तन।
#Progress: गाँव से शहर तक सड़क, स्कूल, अस्पताल और रोजगार के अवसर पैदा करेंगे।
#स्वाभिमान: बहुजन समाज के लिए – दलित, ओबीसी या आदिवासी – अपना स्वाभिमान फिर से हासिल करेगा।
6. #माझं_मत*
दोस्तों मैं ऐसा भारत होता देखना चाहता हूँ, जहाँ शक्ति होगी वहाँ समानता होगी, जहाँ समानता होगी वहाँ प्रगति होगी। बाबासाहेब ने सपना देखा था, कांशीराम साहब ने रास्ता दिखाया और मायावती जी ने उसे साकार कर दिया। अब देश को बसपा का प्रधानमंत्री देना हमारी जिम्मेदारी है – जो एक समुदाय का नहीं, बल्कि पूरे बहुजन समाज का प्रतिनिधि होगा। बहुजनों के सपनों, संघर्ष और जीत के प्रतीक होंगे ये प्रधानमंत्री।
मेरा मानना है, अगर हम सभी बहुजन एक हो, एक साथ लड़ें, तो हम एक नया भारत बना सकते हैं – जहाँ हर बहुजन का सम्मान हो, सबका अधिकार हो और सबका सपना साकार हो। इसीलिए कहता हूं देश को बहुजन समाज पार्टी के प्रधानमंत्री की जरूरत है!