किसान आज 1 बजे ट्रैक्टर-ट्रॉली “दिल्ली चलो’ आंदोलन नाम दिया” जिसमें शंभू बॉर्डर पर 8 महीने (13 फरवरी) दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे.

पंजाब-हरियाणा (शंभू) बॉर्डर से किसानों का एक बार फिर ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन शुरू होने जा रहा है। किसानों का यह आंदोलन विशेष रूप से 13 फरवरी से शंभू बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के लिए अहम है। आज (1 बजे) किसान बिना ट्रैक्टर-ट्रॉली के, केवल पैदल ही दिल्ली की ओर बढ़ने का ऐलान कर चुके हैं।

यह आंदोलन पिछले कुछ समय से सरकार द्वारा कृषि कानूनों के खिलाफ चलाए गए विरोध का हिस्सा है, और किसानों की मांग है कि कृषि कानूनों को पूरी तरह से रद्द किया जाए। किसानों ने इसे ‘दिल्ली चलो’ नाम दिया है, जो एक ऐतिहासिक आंदोलन का हिस्सा बन चुका है।

आंदोलन के दौरान किसानों ने यह सुनिश्चित किया है कि वे शांति के साथ अपनी आवाज उठाएंगे, लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। दिल्ली में आने वाले किसानों के प्रवेश को लेकर सख्त सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं। दिल्ली पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने राज्य की सीमाओं पर अतिरिक्त बल तैनात किया है और प्रमुख मार्गों पर चेक-पॉइंट्स व बैरिकेड्स लगाए हैं।

यह आंदोलन ना केवल पंजाब-हरियाणा के किसानों के लिए, बल्कि देशभर के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है, खासकर यदि यह आंदोलन पहले से बड़ी संख्या में शामिल हो और नए मुद्दों को लेकर प्रदर्शनकारी आगे बढ़ें।किसानों के ‘दिल्ली कूच’ को लेकर सुरक्षा व्यवस्था में सख्ती बढ़ा दी गई है। किसानों द्वारा दिल्ली में एकजुट होने और विरोध प्रदर्शन करने के लिए आना एक संवेदनशील मुद्दा है, जिसके कारण प्रशासन ने पूरे शहर में सुरक्षा उपायों को कड़ा किया है।

इस तरह के विरोध प्रदर्शन आमतौर पर किसानों के अधिकारों और उनकी मांगों को लेकर होते हैं, जैसे कृषि कानूनों के विरोध में या अन्य मुद्दों पर। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे दिल्ली क्षेत्र में कड़ी निगरानी रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए हैं, और प्रमुख सीमा बिंदुओं पर चेक-पॉइंट्स, बैरिकेड्स और अन्य सुरक्षा उपायों को लागू किया गया है।

दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन की वजह से यातायात पर असर पड़ सकता है, विशेष रूप से दिल्ली की सीमाओं पर और प्रमुख सड़कों पर। इसके साथ ही, प्रशासन ने चेतावनी दी है कि यदि प्रदर्शनकारियों ने कानून तोड़ा या किसी प्रकार का उपद्रव किया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

साथ ही, दिल्ली में किसानों के आंदोलनों को लेकर स्थानीय प्रशासन, दिल्ली पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा सतर्कता बरती जा रही है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।

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